ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक को 'पारस्परिकता के सिद्धांत पर' पश्चिम बंगाल में बैठक की मंजूरी मिली | इंडिया न्यूज़ – टाइम्स ऑफ़ इंडिया


नई दिल्ली: आस्ट्रेलियाई उप उच्चायुक्त निकोलस मैककैफ्रे के आधार पर “अनापत्ति” दे दी गई। पारस्परिकता का सिद्धांत अधिकारियों से मिलने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार सूत्रों ने बुधवार को बताया कि यह मामला उचित स्तर पर है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले और सागरिका घोष ने केंद्र पर आरोप लगाया था कि वह राजनयिक को कोलकाता में बंगाल के शीर्ष मंत्रियों से मिलने की अनुमति नहीं दे रहा है।
टीएमसी भारत ब्लॉक के सहयोगियों के साथ चर्चा करने के बाद इस मुद्दे को संसद में उठाने की योजना बना रही है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भाजपा के दिलीप घोष और सुकांत मजूमदार तथा तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और जवाहर सरकार से मुलाकात के लिए “अनापत्ति” तो दी गई, लेकिन उन्होंने राज्य के मंत्रियों से मुलाकात न करने की सिफारिश की।
पारस्परिकता के सिद्धांत को समझाते हुए एक अन्य आधिकारिक सूत्र ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य सरकार के मंत्री का पद विदेशी मिशन के उप प्रमुख से कहीं अधिक ऊंचा होता है और बैठकों के लिए किसी भी अनुरोध पर ध्यान देने में इस प्रावधान का पालन किया जाता है। सूत्र ने सुझाव दिया कि उप उच्चायुक्त मंत्रियों से बहुत जूनियर होते हैं और यही कारण है कि राजनयिक द्वारा मांगी गई बैठकें निर्धारित मानदंडों के अनुरूप नहीं थीं।





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