इस भारतीय स्टॉक ने 10 साल में दिया 11,000% रिटर्न


शेयर 1.37 रुपये से बढ़कर 151.8 रुपये पर पहुंच गया है।

नई दिल्ली:

रेफ्रिजरेंट गैस निर्माता कंपनी रिफेक्स इंडस्ट्रीज के शेयरों ने पिछले 10 सालों में 11,000% का रिटर्न दिया है। 10 साल पहले यह शेयर करीब 1.37 रुपये प्रति शेयर से बढ़कर शुक्रवार को 151.8 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी ने 10 साल पहले इस शेयर में करीब 1 लाख रुपये का निवेश किया होता और निवेश बनाए रखा होता, तो अब यह रकम बढ़कर 1 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गई होती।

रिफेक्स इंडस्ट्रीज, जिसे पहले रिफेक्स रेफ्रिजरेंट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, की स्थापना 2002 में हुई थी। यह गैर-ओजोन क्षयकारी रेफ्रिजरेंट गैसों को फिर से भरने के व्यवसाय में लगी हुई थी। इन्हें हाइड्रोफ्लोरोकार्बन या एचएफसी के रूप में जाना जाता है, जिनका उपयोग एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर और रेफ्रिजरेटिंग उपकरणों में किया जाता है।

रिफेक्स इंडस्ट्रीज ने जुलाई 2007 में अपना पब्लिक ऑफर लॉन्च किया और बीएसई में सूचीबद्ध हुई। 31 मार्च 2007 को समाप्त वर्ष में कंपनी का कुल कारोबार 51.41 करोड़ रुपये था।

कंपनी ने 2018 में थर्मल पावर प्लांट के लिए फ्लाई ऐश और कोयला हैंडलिंग सेवाओं में कदम रखा। इसके बाद शेयर की कीमत लगभग 21 गुना बढ़कर 30 रुपये प्रति शेयर हो गई।

स्मॉल-कैप कंपनी ने 2022 में पावर-ट्रेडिंग व्यवसाय में विविधता लाई और 2023 में ग्रीन मोबिलिटी व्यवसाय स्थापित किया।

नए क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए व्यवसायों के विविधीकरण ने कंपनी को लाभ पहुंचाया है, जिसने पिछले 10 वर्षों में लगभग 11,000% का रिटर्न दिया है। कंपनी भारत में पर्यावरण के अनुकूल हाइड्रोफ्लोरोकार्बन या एचएफसी रेफ्रिजरेंट गैसों की अग्रणी आपूर्तिकर्ता के रूप में भी उभरी है।

रिफेक्स इंडस्ट्रीज वर्तमान में चेन्नई और तमिलनाडु में रिफिलिंग सुविधाएं संचालित करती है तथा दिल्ली और मुंबई में इसके गोदाम हैं।

इसने 2023-24 की मार्च तिमाही के लिए 345.7 करोड़ रुपये की कुल आय दर्ज की, जबकि पूरे वित्त वर्ष के लिए आय 1,388.84 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 24 की अंतिम तिमाही के लिए इसका EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय) 12.89% के EBITDA मार्जिन के साथ 43.5 करोड़ रुपये था। वार्षिक EBITDA 10.85% के मार्जिन के साथ 148.75 करोड़ रुपये रहा।

मार्च तिमाही में तिमाही कर पश्चात लाभ 35.76 करोड़ रुपये था जबकि पूरे वित्त वर्ष के लिए पीएटी 7.27% के पीएटी मार्जिन के साथ 100.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। रेफ़ेक्स इंडस्ट्रीज के प्रमोटरों के पास 55.3% की बहुलांश हिस्सेदारी है जबकि सार्वजनिक शेयरधारकों के पास 44.7% हिस्सेदारी है।



Source link