इंस्टाग्राम रील को लेकर युवराज सिंह, हरभजन सिंह, सुरेश रैना के खिलाफ शिकायत


वीडियो में पूर्व क्रिकेटरों को लंगड़ाते हुए और अपनी पीठ पकड़े हुए दिखाया गया है

नई दिल्ली:

पूर्व क्रिकेटरों हरभजन सिंह, सुरेश रैना, युवराज सिंह और गुरकीरत मान के खिलाफ इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए एक वीडियो में कथित रूप से विकलांग लोगों का मजाक उड़ाने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।

राष्ट्रीय दिव्यांगजन रोजगार संवर्धन केंद्र (एनसीपीईडीपी) के कार्यकारी निदेशक अरमान अली ने यहां अमर कॉलोनी पुलिस थाने के एसएचओ के समक्ष शिकायत दर्ज कराई।

क्रिकेटरों के अलावा मेटा इंडिया की उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संध्या देवनाथन के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई है।

शिकायत में मेटा के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर ऐसी सामग्री पोस्ट करने की अनुमति देकर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अमर कॉलोनी पुलिस थाने में शिकायत प्राप्त हुई है और मामले की आगे की जांच के लिए इसे जिले के साइबर सेल के साथ साझा किया जाएगा।

पूर्व क्रिकेटरों ने इंस्टाग्राम पर वीडियो साझा किया, जब भारत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स के फाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से हरा दिया।

वीडियो में युवराज सिंह, हरभजन सिंह और रैना लंगड़ाते हुए और अपनी पीठ पकड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे पता चलता है कि मैचों के कारण उनके शरीर पर कितना शारीरिक असर पड़ा है।

वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “15 दिन में शरीर की तौबा तौबा हो गई लीजेंड क्रिकेट… शरीर का हर हिस्सा दुख रहा है। हमारे भाइयों @vickykaushal09 @karanaujla को सीधी टक्कर, हमारा तौबा तौबा डांस का वर्जन। क्या गाना है।”

विकलांगता कार्यकर्ताओं ने इस वीडियो को घटिया पाया है। विकलांगों के अधिकारों के लिए राष्ट्रीय मंच ने वीडियो को “पूरी तरह से अपमानजनक” बताया है।

शिकायत में कहा गया है कि इंस्टाग्राम अपने उपयोगकर्ता दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहा, जिससे अपमानजनक सामग्री का प्रसार संभव हो गया।

हरभजन सिंह ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं उन लोगों को स्पष्ट करना चाहता हूं जो सोशल मीडिया पर हमारे हाल के तौबा तौबा वीडियो के बारे में शिकायत कर रहे हैं… हम किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे। हम प्रत्येक व्यक्ति और समुदाय का सम्मान करते हैं और यह वीडियो सिर्फ 15 दिनों तक लगातार क्रिकेट खेलने के बाद हमारे शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाने के लिए था।”

अरमान अली ने शिकायत में कहा, “यह वीडियो भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का घोर उल्लंघन है, जो प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार की गारंटी देता है। यह विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 92 का भी उल्लंघन करता है और निपुण मल्होत्रा ​​बनाम सोनी पिक्चर्स फिल्म्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (2004 एससीसी ऑनलाइन एससी 1639) के मामले में स्थापित सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है।”

उन्होंने प्राधिकारियों से इसमें शामिल व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल और उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया तथा सार्वजनिक हस्तियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर बल दिया, विशेषकर तब जब वे कमजोर समुदायों की गरिमा को ठेस पहुंचाते हों।

शिकायत दर्ज कराने के बाद पीटीआई से बात करते हुए अली ने कहा कि इन क्रिकेटरों की ओर से सिर्फ माफ़ी मांगने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा, “उन्हें उनके किए की सज़ा मिलनी चाहिए।”





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