“आरटीआई जानकारी की गलत व्याख्या”: आरबीआई लापता नोटों की रिपोर्ट पर
आरबीआई ने कहा कि नोट गायब होने की खबरें सही नहीं हैं
नयी दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर एक प्रश्न के उत्तर में उल्लेखित भारी मात्रा में बैंक नोट गायब होने का आरोप लगाने वाली मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण दिया है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि रिपोर्ट सही नहीं हैं, क्योंकि वे बैंक नोट छापने वाले प्रेस से आरटीआई अधिनियम के तहत एकत्र की गई जानकारी की गलत व्याख्या पर आधारित हैं। इसमें कहा गया है कि प्रिंटिंग प्रेस से आए सभी नोटों का हिसाब रखा जाता है।
केंद्रीय बैंक ने आज रात प्रकाशित एक बयान में कहा, “आरबीआई को मीडिया के कुछ वर्गों में चल रही रिपोर्टों के बारे में पता चला है, जिसमें बैंकनोट प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा मुद्रित नोट गायब होने का आरोप लगाया गया है। आरबीआई जोर देता है कि ये रिपोर्ट सही नहीं हैं।”
आरबीआई ने कहा, “रिपोर्ट सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत प्रिंटिंग प्रेसों से एकत्र की गई जानकारी की गलत व्याख्या पर आधारित हैं। यह ध्यान दिया जा सकता है कि प्रिंटिंग प्रेसों से आरबीआई को आपूर्ति किए गए सभी बैंक नोटों का सही हिसाब लगाया जाता है।”
बैंकनोट पर स्पष्टीकरण pic.twitter.com/PsATVk1hxw
– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (@RBI) 17 जून, 2023
केंद्रीय बैंक ने मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा, “इसलिए जनता से अनुरोध है कि ऐसे मामलों में समय-समय पर आरबीआई द्वारा प्रकाशित सूचना पर जवाब दें।”