'आप क्या कर रहे थे'? गेमिंग जोन में लगी आग पर गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट नगर निगम को फटकार लगाई | राजकोट समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
अदालत ने राज्य मशीनरी पर भी अपना अविश्वास व्यक्त किया, जो निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद ही कार्रवाई करती है।
आरएमसी के वकील ने अदालत को बताया कि टीआरपी गेम जोन ने आवश्यक अनुमति नहीं ली थी, जिससे अदालत को यह सवाल करना पड़ा कि क्या नगर निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में इतने बड़े ढांचे के निर्माण पर आंखें मूंद ली थीं।
न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव और न्यायमूर्ति देवन देसाई की विशेष पीठ ने घटना पर स्वप्रेरित जनहित याचिका पर सुनवाई की।
पीठ ने कहा कि 2021 में खेल क्षेत्र की स्थापना के समय से लेकर 25 मई को हुई त्रासदी तक सभी राजकोट नगर निगम आयुक्तों को “घटित त्रासदी के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।” अदालत ने उन्हें अलग-अलग हलफनामे प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
अदालत ने खेल क्षेत्र के अस्तित्व के बारे में आरएमसी की जागरूकता पर भी सवाल उठाया तथा पूछा कि क्या पिछले ढाई वर्षों से वे इस संरचना के बारे में पूरी तरह अनभिज्ञ थे।
पीठ ने पूछा, “तब तक आप आसपास के क्षेत्र में ऐसी संरचना के बारे में पूरी तरह से अनभिज्ञ थे? क्या आप जनहित याचिका में अग्नि सुरक्षा के लिए इस अदालत के आदेशों से अवगत नहीं थे? तब आप क्या कर रहे थे? मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि आपके नगर आयुक्त उद्घाटन के समय वहां गए थे। हम उस तथ्य का न्यायिक संज्ञान नहीं ले सकते? 18 महीनों तक, निगम ने क्या किया? इस पर चुप रहे?”
पीठ ने अग्नि सुरक्षा, मनोरंजन कर तथा अग्नि सुरक्षा उपायों पर अदालत के पिछले आदेशों के अनुपालन के संबंध में निगम की कार्रवाई के बारे में पूछताछ की।
पीठ ने आगे कहा, “हम इस स्तर पर कोई भी आदेश पारित करने से परहेज करते हैं, हालांकि हम निश्चित रूप से यह सुझाव देना चाहेंगे कि संबंधित अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही और इस अदालत के निर्देश का पालन न करने के लिए निलंबित कर दिया जाए। हम उन्हें एक मौका देने की उम्मीद से ऐसा नहीं कर रहे हैं।”
हाईकोर्ट ने मौजूदा आरएमसी कमिश्नर और जुलाई 2021 से लेकर घटना की तारीख तक पद पर रहे अधिकारियों को संरचनात्मक स्थिरता प्रमाणपत्र और अन्य प्रासंगिक मामलों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगमों के मुख्य अग्निशमन अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में अग्नि सुरक्षा उपायों पर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया।