आईआईटी मंडी ने संगीत और संगीत चिकित्सा में अपनी तरह का पहला एमएस और पीएचडी कार्यक्रम शुरू किया
नई दिल्ली:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी संगीत और संगीत चिकित्सा में अपनी तरह का पहला एमएस और पीएचडी कार्यक्रम शुरू कर रहा है। ये कार्यक्रम आईआईटी मंडी के भारतीय ज्ञान प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य अनुप्रयोग केंद्र (आईकेएसएचएमए) द्वारा शुरू किए जा रहे हैं।
इच्छुक और योग्य उम्मीदवार पूरी जानकारी के लिए आईआईटी मंडी की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। जानकारी https://iksmha.iitmandi.ac.in/musopathy.php पर उपलब्ध है।
आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि 15 जुलाई, 2024 है। यह कार्यक्रम पूर्णकालिक और अंशकालिक दोनों उम्मीदवारों के लिए खुला है और इसे भौगोलिक स्थान की परवाह किए बिना लाइव, ऑनलाइन या हाइब्रिड प्रारूप में किया जा सकता है।
संगीत और संगीत चिकित्सा में एमएस और पीएचडी कार्यक्रम अनुसंधान आधारित हैं, जिनका उद्देश्य उच्च कुशल पेशेवरों और शोधकर्ताओं को तैयार करना है, जो संगीत के विकास और समझ तथा व्यक्तियों और समाज पर इसके लाभकारी प्रभावों में सार्थक योगदान दे सकें, जिसमें संगीत चिकित्सा का स्वास्थ्य-केंद्रित क्षेत्र भी शामिल है।
इस कार्यक्रम में अर्हता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को न केवल शास्त्रीय, लोकप्रिय और फिल्म संगीत उद्योगों में, बल्कि संगीत रिकॉर्डिंग और निर्माण में विशेषज्ञ के रूप में, बल्कि अनुसंधान संस्थानों, शिक्षाविदों और स्वास्थ्य सेवा और कल्याण क्षेत्रों में भी पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
कार्यक्रम के लिए सेलिब्रिटी सलाहकारों में संगीत, नृत्य और विज्ञान के दिग्गज शामिल हैं जैसे पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता डॉ सोनल मानसिंह, पर्कशन के उस्ताद प्रोफेसर त्रिची शंकरन, यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा के प्रोफेसर एमेरिटस और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ गौतम देसीराजू, आईआईएससी बैंगलोर के प्रोफेसर एमेरिटस। चित्रविना एन रविकिरन ने प्रमुख संगीत शिक्षा पोर्टल www.acharyanet.com के साथ मिलकर कार्यक्रम के कुछ हिस्सों को डिजाइन करने में मदद की है।