अमित शाह का बड़ा आरोप: कांग्रेस, एनसी जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने के लिए अलगाववादियों, आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वालों को रिहा करना चाहते हैं | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया



नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहशनिवार को एक बड़े आरोप में कहा गया, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन रिहाई चाहता है अलगाववादियों और आतंकवादी समर्थक जम्मू और कश्मीर को अस्थिर करने के लिए।
गृह मंत्री ने यह भी दावा किया कि तीनों पार्टियां, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी, “जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद की आग में धकेलना चाहती हैं।”
आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों को ऐतिहासिक बताते हुए शाह ने कहा कि ये चुनाव “महत्वपूर्ण चुनाव हैं क्योंकि ये पहली बार एक झंडे, एक संविधान के तहत हो रहे हैं।”
उन्होंने जम्मू में भाजपा के 'विजय संकल्प' बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान कहा, “देश की आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मतदाता तिरंगे के नीचे अपना वोट डालेंगे…”
भाजपा सरकार की तारीफ करते हुए शाह ने कहा, “कश्मीर ने दशकों तक आतंकवाद का दंश झेला, मोदी सरकार के 10 साल में आतंकवादी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस-एनसी कभी भी जम्मू-कश्मीर में सरकार नहीं बना सकती, इस बारे में आश्वस्त रहें।”
गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के वादे के लिए गठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कोई भी ताकत (जम्मू-कश्मीर में) स्वायत्तता की बात नहीं कर सकती। राहुल बाबा (गांधी), नेशनल कॉन्फ्रेंस कह रहे हैं कि वे जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देंगे। मैं अब्दुल्ला साहब और राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि आप इसे कैसे वापस दे सकते हैं, मुझे बताएं? आप जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेवकूफ क्यों बना रहे हैं?”

शाह ने कहा, “मैंने खुद कहा है कि हम चुनाव के बाद उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देंगे। मैंने यह बात किसी सार्वजनिक सभा में नहीं, बल्कि संसद में कही है।”
अनुच्छेद 370 पर शाह ने कहा, “विपक्ष कहता है कि इससे जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता वापस आ जाएगी, लेकिन इसे कभी बहाल नहीं किया जाएगा।”
90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरणों में चुनाव होंगे: पहला चरण 18 सितंबर को, दूसरा चरण 25 सितंबर को और तीसरा चरण 1 अक्टूबर को होगा। मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।





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