संसद में संवाद और सहयोग का माहौल बनाने की जरूरत: ओम बिरला


ओम बिरला ने सदस्यों से लोकतंत्र के उच्चतम मानदंडों को बनाए रखने का आग्रह किया (फाइल)

नई दिल्ली:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सांसदों से गरिमा और शिष्टाचार के साथ आचरण करने का आग्रह किया तथा सदन की कार्यवाही में भाग लेते समय संवाद और सहयोग का माहौल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

नव-निर्वाचित सदस्यों के लिए अभिमुखीकरण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए श्री बिरला ने उनसे सदन के नियमों और प्रक्रियाओं से अवगत रहने तथा मुद्दों के बारे में पूरी जानकारी के साथ बहस में भाग लेने का आग्रह किया।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “सदन में स्थापित परंपराओं और प्रथाओं का उद्देश्य सार्थक और उत्पादक चर्चा को बढ़ावा देना है तथा नए सदस्यों को इस भावना को और मजबूत करना चाहिए।”

अध्यक्ष की यह सलाह संसद के हंगामेदार मानसून सत्र की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें उन्हें विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सदस्यों को यह याद दिलाना पड़ा कि वे सदन में आने से पहले कम से कम एक बार नियमों और प्रक्रियाओं को पढ़ लें।

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए श्री बिरला ने सदस्यों से लोकतंत्र के उच्चतम मानदंडों को बनाए रखने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, “सदस्यों के कार्यों को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर देखा जाता है, इसलिए उन्हें गरिमा, शालीनता और शिष्टाचार के साथ आचरण करना चाहिए।”

लोकतंत्र में संवाद और चर्चा के महत्व पर बल देते हुए श्री बिरला ने कहा कि स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए संवाद और सहयोग का माहौल बनाए रखना आवश्यक है।

अध्यक्ष ने सदस्यों से संसद पुस्तकालय में उपलब्ध डिजिटल और प्रिंट संसाधनों का निरंतर उपयोग करने को भी कहा।

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)



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