भारत को दोहरी खुशी, सुंदर और अजीत ने पुरुष भाला फेंक एफ46 में रजत और कांस्य जीता
भारत ने पेरिस पैरालंपिक के छठे दिन का समापन शानदार तरीके से किया, जब अजीत सिंह और सुंदर गुर्जर ने पेरिस पैरालंपिक की पुरुष भाला फेंक F46 स्पर्धा में पदक जीते। भारत की इस जोड़ी ने पुरुषों की स्पर्धा में 2-3 स्थान प्राप्त करने के लिए अपने सीज़न के सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए। अजीत, जो इस स्पर्धा में अधिकांश समय सुंदर से पीछे चल रहे थे, ने अपने पांचवें थ्रो के साथ पेरिस में रजत पदक जीता।
अजीत का सर्वश्रेष्ठ थ्रो 65.62 मीटर रहा, जबकि सुंदर का 64.96 मीटर। दोनों को क्यूबा के गिलर्मो वरोना गोंजालेज ने हराया, जिन्होंने फाइनल में 66.14 मीटर थ्रो के साथ एरिया रिकॉर्ड (स्थल पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास) बनाया।
इस स्पर्धा में भारत के तीसरे प्रतिभागी रिंकू ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (61.58 मीटर) किया और स्पर्धा में 5वें स्थान पर रहे। एक समय भारत इस स्पर्धा में 2-3-4 की बराबरी पर था, लेकिन रिंकू को मैक्सिको के एलीजर गेब्रियल ने 61.65 मीटर की थ्रो के साथ पछाड़ दिया।
पेरिस पैरालिम्पिक्स: दिन 6 की मुख्य बातें
उस दिन, क्यूबा के वरोना ने अपने दूसरे प्रयास में 66.14 मीटर की दूरी फेंककर स्पर्धा की शुरुआत में ही बढ़त बना ली थी। बाकी प्रतिभागी पीछे रह गए, लेकिन कोई भी उनके करीब नहीं पहुंच पाया। अजीत का दिन का 5वां थ्रो वेरोना को पछाड़ने के करीब था, लेकिन फिर भी आधा मीटर पीछे रह गया।
अजीत आज मैदान पर सबसे लगातार भारतीय एथलीट रहे, उन्होंने लगातार 5 लीगल थ्रो फेंके और फाइनल में केवल एक थ्रो फेंका। इसकी तुलना में सुंदर और रिंकू ने अपने तीन थ्रो फाउल किए।
इन पदकों ने पेरिस पैरालिंपिक में भारत के सनसनीखेज ट्रैक और फील्ड प्रदर्शन को आगे बढ़ाया, जहाँ उन्होंने पहले ही 10 पदक जीत लिए हैं। इस परिणाम ने प्रतियोगिता में भारत के पदकों की संख्या को 20 तक पहुँचा दिया, जिससे वे लेखन के समय पदक तालिका में 17वें स्थान पर पहुँच गए। F46 में पदकों का मतलब है कि भारत ने भाला फेंक में कुल 3 पदक जीते हैं, जिसके बाद सुमित अंतिल ने सोमवार, 2 सितंबर को पेरिस में अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखा।
भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल के साथ-साथ भारत ने पुरुषों की ऊंची कूद टी63 स्पर्धा में भी दो पदक जीते। शरद कुमार और मरियप्पन थगावेलु ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता।